माइटोकॉन्ड्रिया के आंतरिक झिल्ली भाग में ए.टी.पी. संश्लेषण की क्रिया होती है।
ATP का निर्माण माइटोकॉण्ड्रिया की आंतरिक झिल्ली में इलेक्ट्रौनों के स्थानांतरण के माध्यम से होता है।.
माइटोकॉण्डिया की खोज अल्टमैन ने 1886 ई. में की थी।
इनके एंजाइम द्वारा कोशिकीय श्वसन होता है जिससे ऊर्जा पैदा होती है।
अतः ये कोशिका के ऊर्जा गृह भी कहे जाते हैं। यहां पर अणुओं की ऊर्जा, प्रयोग में आने वाली ऊर्जा में बदली जाती है और ATP (Adenosine Triphosphate) अणुओं में संग्रहित कर दी जाती है। यह ATP शरीर की ऊर्जा का स्रोत है।
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